बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : Part 1
बौद्ध धर्म (Buddhism) पर पहले भी कई पोस्ट लिखे जा चुके हैं. परीक्षाओं में कई सवाल बौद्ध और जैन धर्म से पूछ लिए जाते हैं. मैं UPSC, UPPSC, MPSC, JPSC, BPSC, RPSC इन 6 राज्यों के previous year questions को देखा और भगवान् बुद्ध और बौद्ध धर्म पर पूछे गए सवालों का लिस्ट बनाया. उन सवालों का सही और सटीक उत्तर देकर आपके सामने यह महत्त्वपूर्ण study-material रख रहा हूँ. यह बौद्ध धर्म से पूछे जा सकने वाले most possible topics हैं जो आपकी परीक्षा के लिए शायद काफी होंगे. चूँकि लिस्ट काफी लम्बा है इसलिए मैंने इस पोस्ट को Part 1 और Part 2 दो भागों में विभाजित कर दिया है.
बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : PART 1
- बुद्ध के जन्म पर कालदेव और कौण्डिन्य ने भविष्यवाणी की थी कि यह बालक चक्रवर्ती सम्राट होगा या फिर महान संन्यासी बनेगा.
- कनिष्क महायान सम्प्रदाय का महान संरक्षक था. उसने पेशावर में एक बौद्ध सभा का आयोजन किया था. यहाँ पर उसने बौद्ध शिक्षाओं को ताम्रपत्रों पर उत्कीर्ण करके एक स्तूप के नीचे गाड़ दिया था.
- चीन में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार का श्रेय कश्यप मातंग (Kasyapa Matanga) नामक एक भिक्षु को दिया जाता है.
- अनाथपिंडक और यश नामक श्रेष्ठियों द्वारा बौद्ध धर्म के प्रति अगाध श्रद्धा प्रकट की गई थी.
- आर्यमंजुश्री मूलकल्प (Mañjuśrī-mūla-kalpa) में बौद्ध दृष्टिकोण से गुप्त-सम्राटों का वर्णन मिलता है.
- बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय (सुत्त पिटक) में 16 महाजनपदों का विवरण प्राप्त होता है.
- बौद्ध ग्रन्थ सुत्तनिपात में गाय को अन्नदा, वन्नदा और सुखदा कहा गया है.
- योगाचार सम्प्रदाय का प्राचीनतम ग्रन्थ सूत्रालंकार है.
- बौद्ध तर्कशास्त्र का पर्वर्तक दिग्नाग को माना जाता है.
- मध्यकालीन न्याय शास्त्र का जनक दिग्नाग था.
- Buddhism पर सांख्य दर्शन का प्रभाव दिखाई देता है.
- तिब्बत में बौद्ध धर्म को प्रतिष्ठित करने का श्रेय पद्सम्भव को दिया जाता है.
- भारत में निर्मित स्तूपों का अवरोही कालक्रम है – साँची, भरहुत, गया, अमरावती, सारनाथ, नालंदा, अजंता, एलोरा और बाघ की गुफाएँ.
- बौद्ध शिक्षा के महत्वपूर्ण केंद्र नालंदा, विक्रमशील, उदयन्तपूरी/ओदंतपुरी थे.
- प्रथम सदी में नालंदा विहार का प्रमुख नागार्जुन था.
- ह्वेनसांग के भारत भ्रमण के दौरान नालंदा विहार का प्रमुख शीलभद्र था.
- बौद्ध विहार, विक्रमशिला वज्रयान सम्प्रदाय का प्रमुख केंद्र था.
- संस्कृत भाषा का प्राचीनतम नाटक सारिपुत्र प्रकरण है.
- बौद्ध मत में त्रिशूल निर्वाण का प्रतीक है.
- बुद्ध के पंचशील सिद्धांत का वर्णन छान्दोग्य उपनिषद् (Chandogya Upanishad) में मिलता है.
- बुद्ध के अष्टांगिक मार्ग का स्रोत ग्रन्थ तैत्तरीय उपनिषद् (Taittiriya Upanishad) है.
- सुत्तपिटक को प्रारम्भिक बौद्ध धर्म का encyclopedia कहा जाता है.
- बौद्ध ग्रन्थों में संस्कृत का प्रयोग अभिधम्म पिटक से शुरू होता है.
- थेरवाद के महत्वपूर्ण पंथ सर्वास्तिवाद की स्थापना राहुल भद्र ने की थी.
- बौद्ध धर्म का सर्वाधिक प्रचार कोसल राज्य (बुद्ध ने यहाँ सर्वाधिक 21 वास किये थे)में हुआ था.
- मैत्रेयनाथ विज्ञानवाद का प्रवर्तक था.
- नागार्जुन शून्यवाद का प्रवर्तक था.
- पाणिनी द्वारा प्रयुक्त “भण्ट्रा” शब्द चमड़े की बनी धौंकनी के प्रयोग का प्रमाण मिलता है.
- यवन शासक मिनांडर और बौद्ध भिक्षु नागसेन के मध्य प्रश्नोत्तर मिलिंदपन्हो (Milinda Panha) में है.
- सुत्तविभंग (Suttavibhanga) नामक बौद्ध ग्रन्थ में अपराधों की सूची व उनके प्रायश्चित का वर्णन है.
- उदान नामक बौद्ध ग्रन्थ में छोटे-छोटे उल्लेख हैं.
- दिव्यावदान ग्रन्थ (Divyavadana – Buddhist tales) में पुष्यमित्र शुंग को मौर्य शासक बताया गया है.
- धम्मपद को बौद्ध साहित्य को गीता कहा गया है.
- ललिताविस्तार (Lalitavistara) में सिद्धार्थ बुद्ध की पत्नी का नाम गोपा बताया गया है.
- सुत निकाय में बुद्ध के धर्मोपदेश गद्य रूप में और गेय निकाय में गद्य-पद्य रूप में मिलते हैं. वेदाल्ला में बुद्ध के उपदेश प्रश्नोत्तर रूप में है.
- बिन्दुसार के समय तक्षशिला के विद्रोह को दबाने हेतु अशोक को भेजे जाने का उल्लेख अशोकावदान में है.
- धार्मिक शिक्षाओं का सबसे पुराना संग्रह सुत्त निपात माना गया है.
- अभिधम्मपिटक (abhidhamma pitaka) में मूल ग्रन्थ धम्म संगणि है.
- महाजनपदों का उल्लेख सर्वप्रथम “अंगुत्तर निकाय” में मिलता है.
- प्रज्ञा पारमिता नामक महायान सम्प्रदाय की पुष्तक को देवताओं का विभाग भी कहते हैं.
- वामस्थापकसिनी (Vamsathapakasini) नामक बौद्ध ग्रन्थ में मौर्यों की उत्पत्ति का वर्णन है.
- गणराज्यों का उल्लेख आचरांग सूत्र (acharanga sutra) में मिलता है.
- रक्त शुद्धता के लिए क्षत्रियों में विशेष गर्व का वर्णन दीर्घनिकाय के अम्दष्ठसुत्त में मिलत है.
- ओबाइय सूत्र (Obaiya Sutra) में अजातशत्रु को महावीर का भक्त बताया गया है.
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बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : Part 2
आशा है आप बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य Part 1 वाला पोस्ट पढ़ लिया होगा, यदि नहीं पढ़ा तो इस पोस्ट के नीचे उसका लिंक दे दिया गया है. Exams में कई सवाल बौद्ध और जैन धर्म से पूछ लिए जाते हैं. मैं UPSC, UPPSC, MPSC, JPSC, BPSC, RPSC इन 6 राज्यों के previous year questions को देखा और भगवान् बुद्ध और बौद्ध धर्म पर पूछे गए सवालों का लिस्ट बनाया. उन सवालों का सही और सटीक उत्तर देकर आपके सामने यह महत्त्वपूर्ण study-material रख रहा हूँ. यह बौद्ध धर्म से पूछे जा सकने वाले most possible topics हैं जो आपकी परीक्षा के लिए शायद काफी होंगे.
बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : PART 2
- बुद्ध की वैशाली यात्रा के विषय में महावस्तु (Mahavastu) से जानकारी प्राप्त होती है.
- पंचेन्द्रिय सुखों (पाँच इन्द्रिय सुख) को त्यागने वाले ऋषियों का उल्लेख सुत्तनिपात (Suttnipat) में मिलता है.
- बुद्ध क्षेत्र व सैनिक मामलों की महत्त्वपूर्ण जानकारी देने वाला संगमकालीन ग्रन्थ कल्लपली है.
- दिशा बतलाने वाले कौओं का उल्लेख दीघनिकाय (Digha Nikaya) और अंगुत्तर निकाय में है.
- वासुदेव शब्द “घटजातक” नामक बौद्ध ग्रन्थ में आया है.
- आजीवक सम्प्रदाय के विचार सामफल सुत्त और भगवती सूत्र में मिलते हैं.
- “घोषिताराम विहार” (यह एक उपवन है जिसको एक सेठ जिसका नाम घोषित था, उसने बुद्ध के निवास के लिए बनवाया था) के अवशेष कौशाम्बी से मिलते हैं.
- “घोषिताराम” का निर्माण करने वाला शासक वत्सराज उदयन था. इस विहार के उत्खनन से यह जानकारी मिलती है कि अग्निकांड के द्वारा यह विहार नष्ट हुआ होगा.
- “पुब्बाराम विहार” को विशाखा ने बनवाया था.
- “वेलुवन” को बिम्बिसार ने बुद्ध को दान दिया.
- “प्रछन्न बौद्ध” की संज्ञा “शंकराचार्य” को दी जाती है.
- सबसे पहले “बुद्ध प्रतिमा” का निर्माण मथुरा कला-शैली में हुआ.
- “विसुद्धिमग्ग (Visuddhimagga)” बौद्ध धर्म का “लघु विश्व कोश” है.
- प्रज्ञपरमिता सूत्र (Prajnaparamita) महायान बौद्ध का सर्वप्रमुख ग्रन्थ है.
- महात्मा बुद्ध की चार दृश्यों से वैराग्य की कथा महापदानसुत्त (Mahapadana Sutta) में वर्णित है.
- प्रमुख बौद्ध व्याकरणाचार्य चन्द्रगोमिनी है.
- बौद्ध विहारों की सर्वाधिक संख्या जुन्नैर नामक स्थान पर है.
- हीनयान सम्प्रदाय के साहित्य की भाषा पाली है.
- महायान सम्प्रदाय की साहित्यिक भाषा संस्कृत (चतुर्थ बौद्ध संगीति से) है.
- बौद्ध धर्म के प्रमुख संरक्षक नरेश : बिम्बिसार, अजातशत्रु, प्रसेनजित, चंड प्रद्योत, अशोक, मिनेंडर, कनिष्क, हर्षवर्धन, धर्मपाल, देवपाल आदि हैं.
- वज्रयान बुद्ध को अलौकिक दैविक सिद्धियों वाला पुरुष मानने वाला सम्प्रदाय है.
- धम्मपद को बौद्ध धर्म की गीता कहा जाता है.
- आम्रपाली/अम्बपाली/अम्बपालिका गणिका ने आमों का अपना बगीचा बुद्ध को दान किया.
बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : Part 3
आशा है आप बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य Part 1 और पार्ट 2 वाला पोस्ट पढ़ लिया होगा, यदि नहीं पढ़ा तो इस पोस्ट के नीचे उसका लिंक दे दिया गया है. Exams में कई सवाल बौद्ध और जैन धर्म से पूछ लिए जाते हैं. मैं UPSC, UPPSC, MPSC, JPSC, BPSC, RPSC इन 6 राज्यों के previous year questions को देखा और भगवान् बुद्ध और बौद्ध धर्म पर पूछे गए सवालों का लिस्ट बनाया. उन सवालों का सही और सटीक उत्तर देकर आपके सामने यह महत्त्वपूर्ण study-material रख रहा हूँ. यह बौद्ध धर्म से पूछे जा सकने वाले most possible topics हैं जो आपकी परीक्षा के लिए शायद काफी होंगे.
बौद्ध धर्म के विषय में स्मरणीय तथ्य : PART 3
1. आजीवक – इस मत के अनुयायी नंगे रहा करते थे और आहार वृत्ति के सम्बन्ध में अत्यंत कठोर नियमों का पालन करते थे.
2. निगंठ (निर्ग्रन्थ बंधनरहित)- यह जैनों की संज्ञा थी जो केवल कौपीन धारण करते थे.
3. मुंउ सादक – मुंडिक साधुओं के शिष्य, बुद्ध घोष के अनुसार निगन्ठो के समान.
4. जटिलक – जो केशों को जटा-रूप में बांधते थे. गौतम ने जटिल संज्ञा वैखानस के लिए प्रयोग की थी. जटिल ब्राह्मणों का केंद्र उरुवेला में था, जो राजगृह के पास एक छावनी या सेना-ग्राम था, जहाँ कस्सप गोत्र के उरुवेला कस्सप, नदी कस्सप और गया कस्सप नामक तीन आचार्यों के साथ वे 1000 की संख्या में रहते थे. वे अग्नि की परिचर्या करते थे और बुद्ध ने उन्हें परिवास या परीक्षाकाल की शर्त से मुक्त कर दिया था क्योंकि एक तो वे सहयोगी भिक्षु सम्प्रदाय से सदस्य थे और दूसरे उनका दार्शनिक मत समुनत था.
5. परिव्राजक – ब्राह्मण धर्म के अनुसार विचरण करने वाले संन्यासियों की सामान्य संज्ञा.
6. मगन्डिक – अज्ञात
7. तेदंडिक – त्रिदंड धारण करने वाले जिनका उल्लेख मनुस्मृति में किया गया है. ब्राह्मण-भिक्षुओं के लिए बौद्धों ने यह नाम रखा था.
8. अविरुद्धक – जिनका मत विरुद्ध नहीं था अर्थात् मित्र.
9. गौतमक – गौतम के अनुयायी जो बौद्ध-धर्म के संस्थापक गौतम से भिन्न कोई आचार्य थे.
10. देवधम्मिका – जो देवों के धर्म का पालन करते हैं. इस सम्प्रदाय का उल्लेख अन्यत्र किसी ग्रन्थ में नहीं है.
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