मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने 50 से ज्यादा बच्चों की ली जान, स्वास्थ्य मंत्री 5 दिन बाद पहुंचे हाल जानने

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय आख़िरकार मुजफ्फरपुर पहुंचे. दिल्ली से लौटने के बाद पांडेय 



सुबह-सुबह मुजफ्फरपुर गए और वहां भर्ती बच्चों का हाल चाल जाना.




बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय आख़िरकार मुजफ्फरपुर पहुंचे. दिल्ली से लौटने के बाद पांडेय सुबह-सुबह मुजफ्फरपुर गए और वहां भर्ती बच्चों का हाल चाल जाना. मंगल पांडेय जो पिछले पांच दिनों तक पटना से मुजफ्फरपुर जाकर स्थिति का आकलन करने के बजाय पार्टी के कार्यक्रम में दिल्ली में भाग ले रहे थे, शुक्रवार को अधिकारियों के साथ बैठकर पूरे हालात पर समीक्षा की. बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने माना कि बीमारी के बारे में जागरूकता के बारे में जो निरंतरता होनी चाहिए थी उसमें कमी रह गयी. उन्होंने मुजफ्फरपुर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज को छह अतिरिक्त एम्बुलेंस देने की घोषणा की. 
मंगल पांडेय ने माना कि जापानी इन्सेफेलाइटिस के भी मुजफ्फरपुर में दो रोगी आये, लेकिन अधिकांश बच्चों की मौत मस्तिष्क ज्वर के कारण जो खून में शुगर की कमी के कारण हुआ. बता दें, बिहार में मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) सहित अन्य अज्ञात बीमारी से अब तक 54 बच्चों की मौत हो गयी है जबकि इसकी चपेट में आने वाले बच्चों की संख्या 203 तक पहुंच गयी है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेश प्रसाद ने गुरूवार देर शाम बताया कि हाइपोग्लाइसीमिया और अन्य अज्ञात बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या बढकर अब 53 हो गयी है जबकि जनवरी से अब तक कुल 203 बच्चे इसकी चपेट में आए हैं.

शैलेश ने बताया कि बीमार बच्चों में से अधिकांश हाइपोग्लाइसीमिया (खून में चीनी की कमी) से ग्रसित हैं. मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज के अधीक्षक डॉ. सुनिल शाही ने बताया कि हालात का जायजा लेने बुधवार को दिल्ली से आयी केंद्रीय टीम गुरुवार को पटना लौट गयी और यह टीम अपनी रिपोर्ट सौपेंगी.


मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने 50 से ज्यादा बच्चों की ली जान, स्वास्थ्य मंत्री 5 दिन बाद पहुंचे हाल जानने