अलीगढ़ मर्डर
केस: भारी फोर्स के बावजूद सड़कों पर उतरे लोग, आरोपियों को
फांसी की मांग
रोंगटे खड़े करने देने वाली वारदात के खिलाफ अलीगढ़ में हिंदू महासभा के
लोग भी सड़कों पर उतरे और मुस्लिम समाज भी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों
ने भी आरोपियों को सूली पर चढ़ाने की मांग की.
अलीगढ़ के
टप्पल में मासूम बच्ची का अपहरण कर उसकी हत्या के बाद लोगों आक्रोश फूट पड़ा है.
लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और बच्ची के लिए इंसाफ की मांग कर
रहे हैं. टप्पल में हालत कहीं बेकाबू न हो जाएं, इसे देखते हुए रविवार को दूसरे दिन भी
सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया. टप्पल में 30 मई को एक ढाई साल की बच्ची गायब हुई थी. 2 जून को उसका क्षत-विक्षत शव घर से 100 मीटर दूर मिला. बच्ची के पिता ने पहले ही
दिन हत्या का शक मुहल्ले के जाहिद पर जताया था.
ढाई साल की
इस बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा देश उठ खड़ा हुआ है. कहीं कैंडल मार्च
निकाला जा रहा है तो कहीं पुलता फूंका जा रहा है. कहीं लोग अनशन पर बैठे हैं तो
कहीं प्रतीकात्मक फांसी लगाकर लोग अपना गुस्सा जाहिर कर
रहे हैं. किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि आखिर ढाई साल
की मासूम बच्ची को कोई गला दबाकर मार कैसे सकता है. हर तरफ आक्रोश है, हर तरफ गुस्सा है.
रौंगटे खड़े
करने देने वाली वारदात के खिलाफ अलीगढ़ में हिंदू महासभा के लोग भी सड़कों पर उतरे
और मुस्लिम समाज भी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी आरोपियों को
सूली पर चढ़ाने की मांग की. मध्य प्रदेश के राजगढ़ में मुस्लिम समाज ने दरिंदों का
पुतला फूंक कर अपना गुस्सा जताया. यूपी के लखीमपुर में लोग इंसाफ की मांग पर अन्न
त्याग कर धरने पर बैठ गए.
टप्पल की
मासूम की हत्या मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, सन्न कर देने वाले खुलासे भी सामने आ रहे
हैं. पुलिस ने आजतक को बताया कि ढाई साल की बेटी को कितनी बर्बरता से मारा गया.
बच्ची की सांसें गला दबाकर रोकी गई. इस वीभत्स हत्याकांड को आरोपी असलम के घर
अंजाम दिया गया. शक है कि लाश को जाहिद के दुपट्टा से लपेट कर फ्रीज में छुपाया
गया ताकि बदबू न आए.
इस घटना के
बाद पूरे टप्पल में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. एसपी (ग्रामीण) मणिलाल
पाटीदार ने एएनआई से कहा, 'पुलिस के
आश्वासन के बाद लोगों ने महापंचायत टाल दी है. इलाके में कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई
है.' पुलिस ने इस
हत्याकांड में अब तक मुख्य आरोपी जाहिद, उसके भाई मेहंदी, जाहिद की बीवी और जाहिद के दोस्त को दबोच
लिया है जबकि गुनाह की एक और राजदार मेहंदी की पत्नी फरार है. एसआईटी जांच के बाद
अब मामले की मजिस्ट्रेट से भी जांच कराई जा रही है.
दरिंदगी की सारी हदें पार कर देने वाली
इस वारदात को लेकर अब वकीलों से मोर्चा खोल दिया. अलीगढ़ बार एसोसिएशन ने आरोपियों
की तरफ से केस न लड़ने का फैसला किया है. दूसरी ओर हत्या के दो आरोपियों के खिलाफ
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज कर मामले को फास्ट ट्रैक
कोर्ट में स्थानांतरित करवाने का फैसला लिया है. सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि
यह निर्णय योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से लिया गया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
अलीगढ़ आकाश कुलहरि ने कहा, "हम इसे
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के मामले के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं, हम इसे एक फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाने की
कोशिश करेंगे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म या एसिड हमले का जिक्र नहीं है.
इस मामले में पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है."
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