पदार्थ की पाँच अवस्थाएं

वर्तमान में वैज्ञानिक पदार्थ की पाँच अवस्थाओं की चर्चा कर रहे हैंः-

1. बोस-आइंस्टाइन कंडनसेट,    2. ठोस,      3. द्रव,       4. गैस और        5. प्लाज्मा।

प्लाज्मा- 

इस अवस्था में कण अत्यधिक ऊर्जा वाले और अधिक उत्तेजित होते हैं। ये कण आयनीकृत गैस के रूप में होते हैं। फ्ऱलोरसेंट ट्यूब और नियाॅन बल्ब में प्लाज्मा अवस्था होती है। नियाॅन बल्ब के अंदर नियाॅन गैस और फ्ऱलोरसेंट ट्यूब के अंदर हीलियम या कोई अन्य गैस होती है। विद्युत ऊर्जा प्रवाहित होने पर यह गैस आयनीकृत यानी आवेशित हो जाती है। आवेशित होने से ट्यूब या बल्ब के अंदर चमकीला प्लाज्मा तैयार होता है। गैस के स्वभाव के अनुसार इस प्लाज्मा में एक विशेष रंग की चमक होती है। प्लाज्मा के कारण ही सूर्य और तारों में भी चमक होती है। उच्च तापमान के कारण ही तारों में प्लाज्मा बनता है।

बोस-आइंस्टाइन कंडनसेट - 

सन् 1920 में भारतीय भौतिक वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस ने पदार्थ की पाँचवीं अवस्था के लिए कुछ गणनाएँ की थीं। उन गणनाओं के आधार पर अल्बर्ट आइंस्टाइन ने पदार्थ की एक नई अवस्था की भविष्यवाणी की, जिसे बोस-आइंस्टाइन कंडनसेट (BEC) कहा गया। सन् 2001 में अमेरिका के एरिक ए. काॅर्नेल, उल्फगैंग केटरले और कार्ल ई. वेमैन को ‘‘बोस-आइंस्टाइन कंडनसेशन’’ की अवस्था प्राप्त करने के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सामान्य वायु के घनत्व के एक लाखवें भाग जितने कम घनत्व वाली गैस को बहुत ही कम तापमान पर ठंडा करने से BEC तैयार होता है।  www.chem4kids.com पर लाॅग आॅन करके पदार्थ की चौथी और पाँचवीं अवस्था की और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।